Zomato की पैरेंट कंपनी इटरनल का बड़ा फैसला, विदेशी हिस्सेदारी 49.5% से अधिक नहीं, Blinkit को होगा फायदा
- इटरनल (पहले कंपनी का नाम जोमैटो था) ने एक बड़ा फैसला किया है। कंपनी ने तय किया है कि विदेशी निवेश की सीमा 49.50 प्रतिशत रहेगी। यानी इससे ज्यादा की हिस्सेदारी इटरनल में कोई विदेशी निवेशक हासिल नहीं कर पाएगा।

इटरनल (पहले कंपनी का नाम जोमैटो था) ने एक बड़ा फैसला किया है। कंपनी ने तय किया है कि विदेशी निवेश की सीमा 49.50 प्रतिशत रहेगी। यानी इससे ज्यादा की हिस्सेदारी इटरनल में कोई विदेशी निवेशक हासिल नहीं कर पाएगा। कंपनी ने यह फैसला अपनी क्विक कॉमर्स फर्म ब्लिंकिट के क्रियान्वन में लचीलापन लाने के लिए किया गया है। जिससे कंपनी इनवेंट्री बढ़ा सके।
गुरुवार को इटरनल के शेयरों की कीमतों में तेजी देखने को मिली थी। कंपनी के शेयरों का भाव शुक्रवार को मार्केट के बंद होने के समय पर 4 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ 231.75 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था।
इटरनर को मिला ये दर्जा
31 मार्च 2025 तक के डाटा के अनुसार इटरनल (Eternal) में घरेलू हिस्सेदारी 55 प्रतिशत थी। कंपनी की तरफ से एक्सचेंज को दी जानकारी में यह बात सामने आई है। कंपनी ने बताया इसके परिणाम स्वरुप अब उन्हें भारतीय मालिकाना हक और कंट्रोल करने वाली कंपनी (Indian-Owned-and-Controlled Company) का दर्जा मिल गया है। इटरनल का कहना है कि इससे ब्लिंकिट को मार्जिन दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। कंपनी को अनब्रांडेड के साथ-साथ एफएमसीजी सेगमेंट में फायदा मिलेगा। बता दें, इस पूरी प्रक्रिया को अभी शेयरहोल्डर्स का अप्रूवल मिलना बाकि है।
एफडीआई के नियमों के अनुसार विदेशी फंडिंग प्राप्त ऑनलाइन मार्केट प्लेस को अपनी इंवेंट्ररी या विक्रेता के कीमतों को कंट्रोल करने की अनुमति नहीं है। जिसकी वजह से क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म डायरेक्ट माइक्रो वेयरहाउस को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।
नवंबर में कंपनी ने जुटाए थे 8500 करोड़ रुपये
पिछले साल नवंबर में इटरनल (तब कंपनी का नाम जोमैटो लिमिटेड था।) ने 8500 करोड़ रुपये क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के जरिए जुटाए थे। जिसमें प्रमुख तौर पर घरेलू म्यूचुअल फंड्स शामिल थे।
ब्लिंकिट की प्रतिद्वंदी कंपनी जेप्टो भी डोमेस्टिक शेयरहोल्डिंग बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। कंपनी ने नवंबर में 350 मिलियन डॉलर इंडियन हाई नेट वर्थ इंडिविजुल्स, फैमिली ऑफिस और बड़े फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स से जुटाए हैं। कंपनी 250 मिलियन डॉलर अतिरिक्त जुटाने के प्रयास में है।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)