9 महीने तक बेबी को अपने गर्भ में रखने के बाद जब महिला मां बनती है तो उसे सबसे ज्यादा चिंता ब्रेस्टफीडिंग को लेकर होती है। ऐसे में अगर आप नई मां बनी हैं तो आपको ब्रेस्टफीडिंग के बारे में कुछ बातें जरूर पता होनी चाहिए।
जमाना बदल गया है और अब नए पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि अपनी परवरिश के तरीके में भी थोड़ा सा बदलाव लाएं। समय के साथ बैलेंस पेरेंटिंग बच्चे के साथ आपके रिश्ते और उसके भविष्य दोनों को बेहतर बनाएगी।
नौ महीने की गर्भावस्था की यात्रा कभी खुशी, कभी गम के अहसास के साथ चलती है। पर, जब बच्चे के जन्म की संभावित तारीख निकल जाए, तब खुशी के पीछे-पीछे फिक्र भी दबे कदमों से बढ़ने लगती है। क्यों बनती है यह स्थिति बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
आप अपने बच्चे की हर जरूरत का ध्यान रखती हैं। उसकी छोटी-से-छोटी उपलब्धि पर भी हर जगह उसकी तारीफ करती हैं। पर, क्या आप उसे गले लगाती हैं? हाल में हुए अध्ययन के मुताबिक बच्चों को गले लगाना उनके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है, बता रही हैं स्मिता
अगर कोई अनुभवी व्यक्ति पेरेंटिंग से जुड़ी कोई अच्छी सलाह या अपना अनुभव आपके साथ शेयर कर दे तो आपकी मुश्किलें थोड़ी आसान हो सकती हैं। सुधा मूर्ति ने अपने विवेक और सरलता भरे पेरेंटिंग सुझावों से कई पेरेंट्स की मुश्किलों को आसान बना दिया है।
बेटे के पैरेंट्स हैं, तो उसकी परवरिश का खास ध्यान रखने की जरूरत है। जानें-अनजाने में की गई कुछ गलतियां ना सिर्फ उसकी मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर डाल सकती हैं बल्कि आपके साथ उसके बॉन्ड को भी इफेक्ट कर सकती हैं।
Tips to Motivate Kids to Do Holiday Homework Fast: अगर आपका बच्चा भी हॉलिडे होमवर्क करने से मन चुरा रहा है तो आप ये टिप्स अपनाकर इस समस्या को दूर कर सकती हैं।
बच्चों को सफल और एक अच्छा इंसान बनाना है, तो उनमें कुछ अच्छे संस्कार और अच्छी आदतें डालना बेहद जरूरी है। श्री नीम करोली बाबा के बताए गए ये मूल मंत्र आपके बच्चों को जीवन में बहुत आगे ले कर जाएंगे।
गर्मियों की छुट्टियां मौज-मस्ती के लिए तो हैं ही लेकिन साथ ही बच्चों के इंटेलिजेंस को निखारने का एक परफेक्ट मौका भी है। कुछ खास एक्टिविटीज इसमें आपकी मदद कर सकती हैं।
सुबह की शुरुआत अगर अच्छी हो तो पूरा दिन भी अच्छा ही जाता है। ऐसे में बच्चों के सुबह की शुरुआत बेहतरीन हो, इसके लिए उन्हें कुछ काम बिल्कुल भी ना करने दें।
Bad Habits Kids Pick Up Easily: बुरी आदतें बच्चों में अच्छी आदतों की तुलना में जल्दी से विकसित हो जाती हैं, जो भविष्य में उनके व्यक्तित्व और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। ऐसे में अपने बच्चों का भविष्य और सेहत, दोनों को सुरक्षित करने के लिए आइए जानते हैं उन बुरी आदतों के बारे में।
सी-सेक्शन डिलीवरी के मुकाबले नॉर्मल डिलीवरी को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि नॉर्मल डिलीवरी आसान है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को ये 5 परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
बच्चों को खुश करने के चक्कर में कई बार मां-बाप ऐसी चीजें खरीद कर ले आते हैं, जो भले ही नॉर्मल लगें लेकिन भविष्य में बच्चे की फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में।
Health Benefits Of Kids Foot Massage: बात अगर नवजात से लेकर दिन भर भाग-दौड़ करने वाले बच्चों के पैरों की मालिश की करें तो मालिश ना सिर्फ उनके शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास में भी मदद करती है। आइए जानते हैं बच्चों के पैरों की मालिश करने से उन्हें क्या फायदे मिलते हैं।
मां-बाप का फर्ज सिर्फ बच्चे को प्यार और सपोर्ट देना ही नहीं है बल्कि गलत चीजों में उसे रोकना भी है। अगर आप प्यार में अंधे हो कर गलत चीजों में भी बच्चे का सपोर्ट कर रहे हैं, तो याद रखें भविष्य में आपको पछताना भी पड़ सकता है।
Tips to improve handwriting: बच्चों के लिखने की आदत नहीं और गंदा लिखते हैं तो उन्हें इस गर्मी की छुट्टी अच्छी और सुंदर हैंडराइटिंग बनाने की आदत डालें। इस काम में मदद करेंगे ये कुछ छोटे टिप्स, जिससे लिखावट में सुथार आ जाएगा।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं जिस समस्या को लेकर सबसे ज्यादा परेशान होती हैं वह है स्ट्रेच मार्क्स। ये एक कॉमन समस्या है जो सभी महिलाओं को होती है लेकिन इसके निशान से बचना चहती हैं तो कुछ तरीके आपकी मदद कर सकते हैं। जानिए-
पिछले कुछ दशकों में भारत में बच्चों को गोद लेने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। अगर आप भी भविष्य में बच्चे को गोद लेने की योजना बना रही हैं, तो पहले इस मामले में अपनी कानूनी जानकारी दुरुस्त करें, बता रही हैं शमीम खान
Sanskrit Baby Names: इस बेबी नेम लिस्ट में शामिल हर नाम बेहद अर्थपूर्ण और यूनिक है। इसके अलावा लिस्ट में शामिल संस्कृत में दिए गए लड़कों के नाम जितने अलग हैं उतने ही आकर्षक भी हैं। तो आइए जानते हैं आपको अपने बच्चे के लिए कौन सा बेबी नेम पसंद आता है।
एक बच्चे की पहली टीचर उसकी मां ही होती है। ऐसे में अगर बचपन से ही वो बच्चों में कुछ आदतें डाल दें या यूं कहें उनके लिए कुछ नियम बना दें, तो भविष्य में बच्चे की सफलता लगभग तय हो सकती है।