justice br gavai will next chief justice of india second dalit cji जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश, बनेंगे दूसरे दलित CJI, India Hindi News - Hindustan
Hindi Newsदेश न्यूज़justice br gavai will next chief justice of india second dalit cji

जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश, बनेंगे दूसरे दलित CJI

  • जस्टिस बीआर गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह 14 मई को चीफ जस्टिस के पद की शपथ लेंगे। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर होंगे और अगले ही दिन जस्टिस गवई पदभार संभालेंगे। वह देश के दूसरे दलित चीफ जस्टिस होंगे।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 16 April 2025 02:36 PM
share Share
Follow Us on
जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश, बनेंगे दूसरे दलित CJI

जस्टिस बीआर गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह 14 मई को चीफ जस्टिस के पद की शपथ लेंगे। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर होंगे और अगले ही दिन जस्टिस गवई पदभार संभालेंगे। वह देश के दूसरे दलित चीफ जस्टिस होंगे, उसने पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन भी मुख्य न्यायाधीश रहे हैं, जो अनुसूचित जाति वर्ग के थे। मौजूदा चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने बुधवार को जस्टिस बीआर गवई के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी। जस्टिस गवई का पूरा नाम भूषण रामकृष्ण गवई है। चीफ जस्टिस खन्ना के बाद वह सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं। वह देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।

जस्टिस गवई का 6 महीने का कार्यकाल होगा और वह 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। वह मई 2019 में ही सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे और संयोग है कि इसी महीने में शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस हो जाएंगे। बीते साल 11 नवंबर को सीजेआई खन्ना ने पदभार संभाला था। उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्रालय के समक्ष जस्टिस बीआर गवई के नाम की सिफारिश भेजी है। सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल है। महाराष्ट्र के अमरावती जिले में जस्टिस बीआर गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को हुआ था। वह बॉम्बे हाई कोर्ट का हिस्सा 14 नवंबर 2003 को बने थे, जब उन्हें अतिरिक्त जज की जिम्मेदारी मिली थी।

ये भी पढ़ें:चीफ सेक्रेटरी से कहिए CM से करें फौरन बात, वरना बंद करा दूंगा सारी स्कीम; SC जज
ये भी पढ़ें:अगर दलित ना होता तो SC में आज जज नहीं होता, क्यों बोले जस्टिस गवई?

इसके बाद नवंबर 2005 में ही वह हाई कोर्ट के स्थायी जज बन गए थे। जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा कई संवैधानिक बेचों में उन्हें शामिल किया गया है। आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की जिस 5 मेंबर वाली संवैधानिक बेंच ने सुनवाई की थी, उसका एक हिस्सा जस्टिस गवई भी थे। इसके अलावा राजनीतिक फंडिंग के लिए लाई गई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को खारिज करने वाली बेंच का भी वह हिस्सा थे। यही नहीं नोटबंदी के खिलाफ दायर अर्जियों पर सुनवाई करने वाली बेंच में भी वह शामिल थे।